ਇਕ ਨਰਕ ਤੋ ਘੱਟ ਨਹੀ ਹੈ ਇਹਨਾ ਕੁੜੀਆ ਦੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ…..

ਇਕ ਨਰਕ ਤੋ ਘੱਟ ਨਹੀ ਹੈ ਇਹਨਾ ਕੁੜੀਆ ਦੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ…..

देश के दूसरे सबसे बड़े रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा की सूरत और भी पहले से बहुत बदतर होती जा रही है। इस बदलते में देश देह का कारोबार इतना बढ़ता जा रहा है।कि इस एरिया में हमेश कि तरह शोरगुल छाया रहता है।सड़कें ऐसी लबालब होती हैं मनो जैसे भेड़-बकरियों का झुण्ड हो।

इस देश में लोग शराफत का चोला ओढ़कर हमें चिढ़ाते ये समाज का वो काला सच है, और इसे देखकर लोग अपनी आँखें बंद कर लेते हैं।खैर,इस देश में सेक्स इतना बढ़ गया है कि किसी भी सेक्स वर्कर की जिन्दगी में झांकना एक आम इंसान के बस की बात नहीं ,..ਤੁਸੀਂ ਪੜ੍ਹ ਰਹੇ ਹੋ ਸਾਡਾ ਆਰਟੀਕਲ ਜੇ ਤੁਹਾਨੂੰ ਸਾਡਾ ਆਰਟੀਕਲ ਵਧੀਆ ਲੱਗਿਆ ਤਾਂ ਸ਼ੇਅਰ ਜਰੂਰ ਕਰਨਾ। ਸਾਡਾ ਪੇਜ਼ ਵੀ ਜਰੂਰ ਲਾਈਕ ਕਰਨਾ ਜੀ।

ये तस्वीरें तो केवल एक अंश हैं। इन तस्वीरें कि एक झलक देखकर आप भी कभी भूल नहीं पायेगे। लेकिन ये कमाठीपुरा के इस इलाके में ऐसी कई कहानियां दफन है।जिसे लोगों के ध्यान की जरूरत है। यहाँ रहने वाली सभी औरतों की आँखें इस उम्मीद पर टिकी रहती है जहा से हर कोई शख्त गुजरता है कि शायद किसी की जिस्म की भूख, उसके पेट की आग को शांत कर पाएगी।चलिए आइए देखते हैं इस समाज का एक ऐसा पक्ष।यहाँ पर कभी रात नहीं होती है

वैसे तो लोगो का कहना है कि मुंबई  एक सपनो का शहर है, लेकिन मुंबई में कभी रात नहीं होती। इस शहर में लोग  24 घंटे दौड़ते -भागते हमेशा  नजर आते रहते  है। सामान्य के लोग तो रात को सो जाया करते हैं मगर…ये है।काली रात का कला सच

मुंबई के सबसे बड़े एरिया में जहा हमेशा पर सारी रात शोरगुल होता रहता है। और उस ऐरिया का नाम कमाठीपुरा है इस इलाके में काम करने वाली सभी औरते की तरह ही यहाँ की गलियाँ भी सारी रात जागती रहती हैं।औरऔरतें हर आते-जाते ग्राहक को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। उन औरतो कि दुनिया बस यही तक सीमित है।इस इलाके का इतिहास

यदि आप इस इलाके के इतिहास को खंगालेंगे तो आपको पता चलेगा कि अंग्रेजों ने अपने सैनिकों के लिए यहाँ पर कभी ‘कम्फर्ट जोन’ बनवाया था। इस ‘कम्फर्ट जोन’ में बड़ी तादाद में सेक्स करने के लिए वर्कर्स को विदेशो से बुलवाया जाता था।इस वजह से रखा गया इसका नाम

इस इलाके का पहला नाम ‘कम्फर्ट जोन’ था अब इसका नाम बदल कर ‘कमाठीपुरा’ रखा गया। इसका नाम आंध्रप्रदेश के कमाठी मजदूरों के नाम पर इस रेड लाइट का नाम कमाठीपुरा रखा गया है। यहाँ पर लोग बहुत दूर-दूर से आते है, जैसे बंगाल, नेपाल, कर्नाटक, तमिलनाडू, उड़ीसा, असम और भी कई इलाकों से लोग यहाँ आते रहते हैं।देश में बैन है वेश्यावृत्ति

सरकार ने सन 1928 में ही सेक्स वर्कर्स को लाइसेंस जारी कर दिए थे और इसको सन 1950 में इस पर बैन भी लगा दिया गया था। लेकिन वेश्यावृत्ति बंद होने के बावजूद यह एरिया सेक्स वर्कर्स का सबसे बड़ा घर कहलाता है।और यहाँ पर अभी भी वेश्यावृत्ति होती रहती है।इसमे कम कोठरियों में ज्यादा लोग रहते है।

यहाँ पर लगभग 200 से ज्यादा कोठरियों में 5000 से भी ज्यादा सेक्स वर्कर्स इनमें रहती हैं। इस जगह पर आदमियों की इतनी ज्यादा भीड़ होती है कि यहाँ आदमी कंधे से कंधा मिलाकर चलता है। इसी बीच महिलाएं, आदमियों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश में लगी रहती हैं।इस तरह से बंटा हुआ है एरिया….ਤੁਸੀਂ ਪੜ੍ਹ ਰਹੇ ਹੋ ਸਾਡਾ ਆਰਟੀਕਲ ਜੇ ਤੁਹਾਨੂੰ ਸਾਡਾ ਆਰਟੀਕਲ ਵਧੀਆ ਲੱਗਿਆ ਤਾਂ ਸ਼ੇਅਰ ਜਰੂਰ ਕਰਨਾ। ਸਾਡਾ ਪੇਜ਼ ਵੀ ਜਰੂਰ ਲਾਈਕ ਕਰਨਾ ਜੀ।

मुंबई के रेड लाइट ऐरिया  कमाठीपुरा लगभग 16 गलियों में बंटा गया है। इनमें से 9 गलियों में सेक्स का कारोबार का चलता है। और इसमें 5 गलियां रहवासियों और बिजनेस के लिए बता बटागया हैं। ये एरिया इतना भरा हुआ है कि यह पर चलना भी मुश्किल हो जाता है, जिस दिन ज्यादा ग्राहक हो जाते हैं तो उस गलियों में में लोगो को चलने में दिक्कत आने लगती है।यहाँ पर औरतों के साथ जानवरो से बदतर व्यवहार किया जाता है।

मुंबई के रेट लाइट ऐरिया कमाठीपुरा के गलियों में ऐसी कई कहानियां दफन हैं, जिन्हें जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। यहाँ पर औरतों के साथ जो रवैया अपनाया जाता है, वो जानवर से भी बदतर है। ग्राहक कुछ पैसे देकर उन औरतों का इस्तेमाल मनचाहे ढंग से करते हैं।इन औरतों को पुलिस करती है परेशान 

यहाँ पर हर दूसरे दिन पुलिस वाले आकर इस अवैध धंधे के नाम पर इनसे औरतों से पैसा वसूलते हैं। यहाँ तक कि पुलिस वाले भी अपना काम इन औरतो से निकलवा लेते है।यहाँ पर लड़कियों का होता है इस्तमाल 

यहाँ पर लड़कियों को लालच देकर लड़कियों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। इन लड़कियों नशे का इंजेक्शन देकर उन्हें कैद कर किया जाता है।और फिर उन लड़कियों को जिस्मफरोशी के इस दलदल में धकेल दिया जाता है।आपस कि बात

यहाँ की औरतें दो टाइम की रोटी के लिए जूझ रही हैं। कई संगठन इनकी मदद के लिए सामने आते हैं, लेकिन इतनी भारी जनसंख्या में मदद करना भी आसान नहीं है। अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा करें ये स्टोरी। ਤੁਸੀਂ ਪੜ੍ਹ ਰਹੇ ਹੋ ਸਾਡਾ ਆਰਟੀਕਲ ਜੇ ਤੁਹਾਨੂੰ ਸਾਡਾ ਆਰਟੀਕਲ ਵਧੀਆ ਲੱਗਿਆ ਤਾਂ ਸ਼ੇਅਰ ਜਰੂਰ ਕਰਨਾ। ਸਾਡਾ ਪੇਜ਼ ਵੀ ਜਰੂਰ ਲਾਈਕ ਕਰਨਾ ਜੀ।


Posted

in

by

Tags: