ਸਾਰੇ ਵਿਗਿਆਨੀ ਇਸ ਪੌਦੇ ਨੂੰ ਦੇਖ ਕੇ ਹੈਰਾਨ ਹਨ.
ਅਸੀਂ ਸੋਸ਼ਲ ਮੀਡੀਆ ‘ਤੇ ਅਜੀਬ ਖ਼ਬਰਾਂ ਸੁਣਦੇ ਹਾਂ, ਪਰ ਅੱਜ ਅਸੀਂ ਤੁਹਾਨੂੰ ਇਹ ਖਬਰ ਦੱਸਣ ਜਾ ਰਹੇ ਹਾਂ ਕਿ ਤੁਸੀਂ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਨਹੀਂ ਕਰੋਗੇ, ਇਹ ਲੇਖ ਪੰਜਾਬ ਨਿਊਜ਼ ਦੇ ਇਕ ਆਰਟੀਕਲ ਹੈ.
वैसे ये दुनिया काफी रहस्मयी है आए दिन कुछ न कुछ ऐसी खबरें सामने आती रहती है जिसे सुनकर कई बार यकीन करना मुश्किल हो जाता है। जी हां आज भी कुछ ऐसा ही हुआ एक ऐसी खबर सामने आई जिसपर यकीन नहीं हो पा रहा था। लेकिन ये सच है आपको बता दें कि भारत में आपने अभीतक तो कई अजूबे देखे होंगे लेकिन आज हम जिस अजूबे के बारे में बताने जा रहे हैं उसे जानने के बाद आप इसे जरूर देखना चाहेंगे। इन अजूबों में कई सारे तो ऐसे हैं जो प्राकृतिक है। इन अजूबों को देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। जी हां बता दें कि आज हम आपको जिस अजूबे की बात बताने जा रहे हैं दरअसल वो एक पेड़ है।
दरअसल आपको बता दें कि इस पेड़ ने न सिर्फ आम लोगों को बल्कि विज्ञान के नियमों को भी चुनौती दे रहा है, यही कारण है कि ये चर्चा में बना हुआ है और अब तो आलम ये है कि लोग इस रहस्यमयी पेड़ का दर्शन करने के लिए आते हैं। वैसे आपको बता दे कि ये पेड़ हरियाणा के नूंह जिले से 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित प्राचीन अरावली पर्वतमाला की जड़ों में स्थित एक मंदिर में लगा हुआ है। इस पेड़ की खासियत यह है कि इससे लगातार पानी निकलता रहता है।
जी हां सुनकर आप भी चौंक गए न लेकिन ये सच है इतना ही नहीं इसकी खासियत ये है कि इस पेड़ से निकलने वाला पानी कोई आम पानी नहीं हैं बल्कि चमत्कारी पानी है जिसका सेवन करने से सभी रोग दूर हो जाते हैं। लोगों का मानना है कि यह चमत्कारी पानी चार्म रोग ठीक कर देता है। लोगों का मानना है कि इस पेड़ में किसी दिव्य शक्ति का वास है। लोग इस मंदिर को नल्हड़ेश्वर के नाम से जानते हैं। लोग बहुत दूर से यहां आते हैं और मंदिर में स्थित इस पेड़ के पानी को अपने घर ले जाते हैं।
दरअसल यह कदंब का पेड़ है जो अरावली पहाड़ से 100 मीटर की ऊंचाई स्थित है। लोग इस मंदिर को नल्हड़ेश्वर के नाम से जानते हैं। लोग बहुत दूर से यहां आते हैं और मंदिर में स्थित इस पेड़ के पानी को अपने घर ले जाते हैं। हैरानी तो इस बात की होती है कि इस पेड़ के पीछे कौन सा रहस्य है यह बात आज तक कोई भी नहीं जान पाया है। कई लोगों का कहना ये भी है कि इस पेड़ में एक ऐसी रहस्यमयी ताकत है जो लोगों को अपनी तरफ खींच कर ला रही है।
वैज्ञानिकों ने भी इस पेड़ के ऊपर कर शोध किए लेकिन कुछ भी नहीं पता चल सका। लोग तो मानते है कि यह चमत्कारी पानी चर्म रोग ठीक कर देता है। वहीं हैरानी होती है कि आज भी कलयुग में इस तरह की चमत्कारी चीजें इस धरती पर मौजूद है जिसका रहस्य इंसान नहीं सुलझा सकता है।
यही कारण है कि ये पेड़ अब श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन चुका है और इसी वजह से लोग भगवान में श्रद्धा रखते हैं क्येांकि समय समय पर ऐसी कई दिव्य शक्तियां भगवान के होने का आभाष दिलाती है।